कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Thursday, October 8, 2015

प्रवेश सोनी के शब्दों में हमिंग बर्ड



दैनिक जागरण में हमिंग बर्ड  से छपी खबर

पुस्तक मेले दिल्ली से फेसबुक मित्र मुकेश कुमार सिन्हा की किताब "हमिंग बर्ड " खरीदी कविता संग्रह है बहुत साधारण और सरल भाषा में लिखी जीवन की विसंगतिया ,संघर्षमय मानवीय आह्सासो का चित्रण हैदिल्ली शहर की भागती दोड़ती जीवन शेली से ना जाने कितने विषय उठाकर उन्हें संवेदनाओ के रंग में रचा है रिश्तों के बहुरूप उकेरे है मन की कोमल भावनाओ से उन्हें सजाया भी है |कुछ उदास कविताये भी लिखने की कोशिश की मगर जीवन की सकारात्मकता को सहज कर उसमे भी हास्य का पुट दिया |

मुझे मुकेश के लेखन की एक बात अच्छी लगती है की वो विषय कोई भी साधारण चुने लेकिन उसमे जो सन्देश देते है वो मन में दबी संवेदनाओ की परत को छू लेता है |

शुभकामनाये Mukesh Kumar Sinha ...आपका लेखन नित्य निखरता रहे !


माला सिंह जी के हाथों में हमिंग बर्ड 


5 comments:

  1. बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं --

    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों

    सादर

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  2. बहुत बहुत शुभकामनाये मुकेश
    आपका लेखन निरंतर उचाईयो को प्राप्त करता रहे

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  3. बहुत बहुत शुभकामनाये मुकेश
    आपका लेखन निरंतर उचाईयो को प्राप्त करता रहे

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  4. सुंदर समीक्षा। बधाई और शुभकामनाएँ।

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  5. बहुत ही शानदार समीक्षा की है आपने। किताब खरीदने के लिए बहुत बहुत बधाई। अच्‍छा किया खरीद ली। नहीं तो भारतीय प्रकाशक तो यही रोना रोते है कि देश में किताबें बिकती ही नहीं हैं।

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