कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Tuesday, November 14, 2017

चाचा नेहरु


आज बाल दिवस है, ये दिन हम भारत के प्रथम प्रधान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाते हैं ।
हर व्यक्तित्व मे बहुत सी अच्छाइयों के साथ ही ढेरों बुराइयाँ भी होती है, पर हम भारतीयों में एक नेक सोच ये है कि हम सामान्यतः किसी के मृत्यु के बाद उसके अच्छे गुणों के लिए याद करते हैं, न की उसकी बखिया उधड़ते हैं! नेहरु जी में क्या क्या बुराइयां थी, ये या तो इतिहास का विषय है या फिर उनका बेहद पर्सनल मैटर है, पर याद रखने वाली बात है कि उन्हें ग्यारह बार नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया | याद रखने लायक बात है अपने पूर्ण जीवन में वे नौ बार जेल गए। पंडित नेहरु को 'आधुनिक भारत का निर्माता' कहा जाता है | दूसरे विश्व युद्ध के बाद आर्थिक रुप से ख़स्ताहाल और विभाजित हुए भारत का नवनिर्माण करना कोई आसान काम नहीं था | भाखड़ा नांगल बाँध, रिहंद बाँध, भिलाई, बोकारो इस्पात कारख़ाना, एम्स, इसरो आदि का निर्माण शायद ही आज कोई याद रख पा रहा है |
नेहरु द्वारा रचित 'डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया' और 'ग्लिम्पसेस ऑफ़ द वर्ल्ड हिस्ट्री' ऐसी अदभुत किताबें हैं जो बताती है कि नेहरु क्या थे | जेल में रहते हुए बिना किसी संदर्भ के और इतिहास लेखन की विधिवत ट्रेनिंग लिए बिना उन्होंने इंदिरा गाँधी को जो पत्र लिखे और दुनिया के पाँच हज़ार साल के इतिहास को जिस सलीक़े से उन्होंने 'ग्लिम्पसेस ऑफ़ द वर्ल्ड हिस्ट्री' में लिखा वो उनकी अद्भुत क्षमता बताती है |
हालांकि अंतिम समय में नेहरु को कुछ ऐसे नाकामियों को झेलना पड़ा, जिसके वजह से देश बहुत बड़े संकट में आया | हालांकि चीन के साथ दोस्ती की पहल उन्होंने काफ़ी ईमानदारी से की थी और पंचशील के सिद्धांत के साथ-साथ हिंदी चीनी भाई-भाई का नारा दिया लेकिन 1962 में चीन द्वारा भारत पर हमला हम सब एक बहुत बड़ी ऐसी हार के रूप में देखते हैं, जो टीस देता हुआ घाव हो |
भारत में बहुत गरीबी है, बहुतों को भूखा रहना पड़ता है, और तो और अब तो प्रदुषण ने भी जान निकाल रखी है पर फिर हम कहाँ मानते हैं हम फिर भी दिवाली मनाते हैं न, पटाखे चला कर पैसे बर्बाद भी करते हैं, तब नहीं सोचते की इन पैसों से कुछ का पेट भर सकता था ... कुछ लोग अभी भी गुलामी की जिंदगी जी रहे हैं, फिर भी हम स्वतन्त्रता दिवस मनाते हैं, है न !! तब तो नहीं सोचते ऐसा ..........
फिर आज क्यों ?? आज क्यों न खुश होना चाहिए, कुछ नेताओं को क्यों नहीं दलगत राजनीति से इतर रखा जाये |
क्या नेहरू को हम उनके बेहतरीन व्यक्तित्व के लिए नहीं याद कर सकते ?
क्या आज हम बच्चो में कुछ पलों की मुस्कुराहट दे कर, खुद को खुश नहीं कर सकते ??
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बाल दिवस की ढेरों शुभकामनायें !!
सबों को बच्चों सी खिलखिलाती नैसर्गिक मुस्कराहट मिले ऐसी दुआ 
~मुकेश~