कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Thursday, August 4, 2016

लघु प्रेम कथा

लघु प्रेम कथा
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लड़का : कभी-कभी इन मुरझाये पौधों और कम चमकते फूलों को देखकर तुम्हे ये बेशक ख़याल नहीं आता होगा कि इनके लिए भी कभी न कभी तुम्हे मसाले वाले पनीर या बटर चिकन या लस्सी बनाना चाहिए तुम्हे :)

लेकिन, ......तुम्हारे छिपे नजरों से कई बार चिकन के टुकड़े या पनीर को कुतर कर डाल चुका हूँ, .........और तो और कई बार ठंडी चाय भी उढेली है, समझी !!

अरे यार, ये हमारे पालतू या हम-दम से ही तो हैं, समझती हो न !!

लड़की : हे भगवान् !! ये मरदूद हरियाली .......उफ़!! तभी तुम्हे देख कर सलाम ठोंकने वाले अंदाज में बिछ जाते हैं !! हुंह !
कल से पानी भी बंद करती हूँ इनका ............ !!
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ओये बेवकूफ, सुनो न !
तुम भी तो महंगे गिफ्ट के बदले ठेले वाले गोलगप्पों व मीठी लोजेंस के कारण ही अपनी सी हो गयी हो...........भूल गयी क्या :)

अपना बनाना सीखो मैडम !! ^_^