एक हम सबकी यानी हमारे एजग्रुप या उससे कुछ पहले की जस्ट कॉलेज वाली जिंदगी हुआ करती थी, उस समय ग्यारहवीं यानी आईएससी भी कॉलेज था। तब पापा मने डांट या पिटाई ही कहलाया करता था। पापा तो रावण होते थे ☺️ (उस समय के सोच के हिसाब से)! बैठे बैठे चिल्लाते थे, या फिर घर में घुसते ही मुक्कू......., तनियो चैन नहीं था। हां, मम्मी ही थोड़ा बहुत दोस्त जैसन लगती थी, या मीडियेटर थी, कोई भी जरूरत को पूरा करवाने का ठेका मम्मी पर ही लाद दिया करते थे उन दिनों 😊।
फिर समय बिता, कहाँ से कहाँ आ गए, आजकल के शहरी दुनिया में, अधिकतर के तरह सिंगल फेमिली होने लगी। ऐसे में पापाओ को भी लगा थोड़ा बहुत मम्मी वाला काम कर दो तो शायद प्यार ज्यादा मिलेगा साथ ही देखेगा भी कौन ☺️ । ऐसे में मायें भी चालाकी करने लग गईं, चुपके से मम्मियों ने अपने अंदर के 50-60 प्रतिशत अम्मा को पप्पा में ट्रांसफर कर दिया । 😊
शुरुआत तो ऐसे हुआ, मम्मियां उठते ही पापा को ताना देने लगीं, कि देखिए जी बच्चे उठ नहीं रहे, आपसे ही उठेंगे, कान पकड़ कर उठाइये, स्कूल में लेट होगा। और फिर इस तरह धीरे धीरे ड्यूटी ट्रांसफर हो गया, अब सुबह-सुबह बच्चो को पापा को ही उठाना होता है, पापा ही ब्रश करवाएंगे, चड्डी पहनाएंगे, पापा ही दूध बना के पिलायेंगे, पापा ही परांठे का कौर मुंह में ठुंसेंगे। स्कूल का शर्ट जल्दी जल्दी पापा ही भोरे भोरे प्रेस करेंगे । मने सुबह स्कूल जाने तक मम्मी बस नाश्ता बना देगी बाकी आप ही करो, ये मुझसे सुनते नहीं, बस तक लेकर भी पापा ही जायेंगे । ☺️
समय बिता, ऑफिस जाने से पहले पीटीएम में चले जाना, आपका लाडला है आप ही डांट सुनो। ऐसे में पापा जो अपने पापा को याद कर पापा बन बनकर थक चुके होते हैं । उन्हें फ़ॉर चेंज मम्मी की duty ज़्यादा प्यारी लगने लगती है । फिर तो ऐसा समय बदला कि बदल ही गया, अब उल्टा होता है, पापा बच्चे को कहते हैं जल्दी खा लो, जल्दी पढ़ लो , मम्मी गुस्सायेगी। और ऐसे में अब ज़्यादा दुलार को बैलेंस करने के चक्कर में मम्मी विलेन सी बन गयी बच्चों के नज़र में । मम्मी की बल्ले बल्ले हो चुकी है 😊, क्योंकि वो ऐसा कुछ ही तो चाहती थी।
पापा बच्चों के साथ टीवी देखेंगे, मम्मी आकर चिल्लाएगी - खुद तो बिगड़ैल हैं ही मेरे बच्चों को भी बिगाड़ दिया और बस टीवी बन्द! स्कूल जाते समय बच्चों को पैसे दो तो उसमें अब मम्मी कटिंग करेगी, इतना क्यों, जोड़ कर बताओ, ये तुमरे अब्बा तो तुमलोगों को सर चढ़ाए हैं। बेचारे पापा की सिट्टी पिट्टी गुम। 😊
बेचारे डैडी, जो प्यार दिखाने के चक्कर में कुछ ड्यूटी शेयर भर की थी, अब भुगतने लगते हैं 😊
तो आज पप्पा के अंदर वाले 50-60 प्रतिशत अम्मा को भी मदर्स डे की शुभकामनाएं ☺️ साथ ही, नए पापाओ को समझाइश है कि मम्मी के चंगुल में न फंसे ☺️☺️
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