कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Monday, September 5, 2016

शिक्षक दिवस




एक राय सर थे, हाई स्कूल के जमाने में ! कितना प्यारा स्कूल था - श्री सीता राम राय उच्च विद्यालय :) अजब घालमेल था उनके सब्जेक्ट में, एक तरफ तो इतिहास पढ़ाते थे, दुसरे तरफ स्पोर्ट्स भी उनके पास था, मने कोई भी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी हो तो उनके पास होगा !! खासियत ये थी कि किस बच्चे को पीटना है, ये वो पहले से डिसाइड कर के आते थे, कितना भी रट लो, अख़बर-बीरबल-नूरजहाँ-कबीर पूछने का अंदाज ही ऐसा था कि बच्चा सुसु कर दे ! मान लो हमने सही जबाब दिया, तो एक दम कड़क कर काउंटर क्वेश्चन - क्या ये सही है ? ये होगा? और फिर सिटपिटाते ही तरतरतर.....:) या फिर दो ऊँगली के बीच पेंसिल/पेन रख कर कच्च से दबा देते थे, हाय हो :D हाँ तो एक बार जिला स्तरीय क्विज में जाना था उनके साथ, और प्रशासन का आदेश एक लड़का/एक लड़की पेयर में होगा, थी हमरी पेयर भी थोड़ी ज्यादा सी अनगढ़ खुबसूरत, थोड़ी गंवार ! स्कूल भी तो उतना ही ख़ास था, को-एजुकेशन होने के बावजूद लड़के लड़कियों के बीच मैकमोहन लाइन खिंची रहती थी ! जाने से पहले ढेरों लड़कों का वाण चला- साले जीत के तो नहीये आएगा, पर तुमको विन्नर का अवार्ड तो साथ में स्कूले से मिल गया :) वो थी गुडगोबर, और हम भी तीसमार खान तो थे नहीं, पर विसुअल राउंड और टिपिकल प्रश्नों पर बेहद कमांड था ! बेमतलब वाले प्रश्नों का जबाव फट से निकल जाता ! वैसे उसने भी सभी मुग़ल बादशाह और विटामिन सिटामिन रट्टा लगाया था! जैसे तैसे फ़ाइनल राउंड में पहुंचे :) राय सर चिहुँकते हुए आये, मुक्कू, चलो तुम दोनों को समोसा खिलाते हैं :) सर पेट भरल है - वो बेवकूफ स्टाइल मारी हमने चुप्पे से कहा- अरे बेवकूफ, क्यों इन समोसों पर भी अपनी नजर लगा रही हो, सरकारी है............तुम चुपके से हमको दे देना, नहीं खाना है तो !! अंततः विनर तो नहीं हुए, पर गलती सही, सभी ग्रामीण स्कूलों से ही पहुंचे थे, तो बस गलती से ही सही रनर बन कर लौटे वहां से निकलने पर सर ने पांच रुपया ऐसे पकडाया जैसे घर से दे रहे हों ऊपर से आदेश इसको साथ ले जाओ घर तक :) _____________________ हमें तो मजनू, फरहाद, रोमियो जैसी फीलिंग आ गयी, पर बचपन का वो डर - घर पहुंचाने के दरम्यान बस कहे - तुम सुन्दर हो ! बकलोल :D उसने कहा - तुमरे कारण जीते, नहीं तो मुंह में खरोंच मारते, बाघिन जैसन :) राय सर जिंदाबाद का नारा दुसरे दिन स्कूल में लगा था :D और उसके बाद, इतिहास में कभी छड़ी भी नहीं पड़ी :) सर को याद करते हुए सबको शुभकामनायें :) :)

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1 comment:

  1. कई प्रसंग यादगार बन जाते हैं ... अच्छा लगा ... आपको शिक्षक दिवस और गणेश जी के आगमन की शुभकामनाएँ ...

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