कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Monday, September 8, 2014

मेरा जन्मदिन

आज मैं 43 वर्ष का हो गया :)
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कल रात नींद नहीं आ रही थीं, खुद के जन्मदिन से जुडी सारी स्मृतियाँ सामने से गुजरती चली जा रही थी :)

मैया से ही सुना था, याद नहीं ... कैसे बचपन में तैयार वैयार कर के खीर से दिन की शुरुआत होती थी :D

फिर कुछ उम्र गुजरी, अब जन्मदिन के दिन सत्यनारायण भगवान् का पाठ होने लगा, पर वो दिन सबसे बेकार था, खुद के जन्मदिन में भूखे रह कर पूजा करना पड़ता था ... :) छिप छिपा कर फिर भी कुछ न कुछ खा ही लेते थे, एक बार पकडे भी गए थे :P, तो फिर मेरे बदले बाबा को पूजा करना पड़ा था :) :D

कुछ दिनों बाद, पूजा के साथ-साथ शाम में हलवा से बने केक को भी काटने लगे :) अब गाँव में और कुछ तो मिलता नहीं था, और न ही सोचते थे की कैसे लाया जाये ...... पर हाँ उन पर मोमबत्तियां पूरी होती थी, यानी जन्मदिन वाले वर्ष से एक अधिक ........ और फिर फूंक :) और हैप्पी बर्थडे :)

फिर मैया कहती सभी बड़ो को पैर छुओ :) , हम भी जरुर पैर छूते, आखिर गिफ्ट में 5 ya 10 रूपये का नोट या फिर एम्प्रो / मिल्क बिकिस बिस्किट मिलता :) दौड़ कर उसको छिपा देते :)

और दिन गुजरे, अब मैया गाँव में होती, और हम मम्मी पापा के साथ शहर में ......... एक आध बार ओरिजिनल वाला केक भी कटा, कुछ कोलेज वाले दोस्त भी आ जाते :)

फिर शादी हुई, अंजू दुनिया में आयी .......... हर बार मेरे सोने का वेट करती है, और फिर चुप चाप से गिट्स के पैकेट से रसगुल्ला बना कर, ठीक 12 बजे उठाने की कोशिश ......... :) एक आध बार हम नहीं सोते हैं, फिर भी सोने का नाटक करते हैं .......... और फिर बर्थडे मन जाता है :) ........... वैसे इस बार रसगुल्ला बनने में समय लग गया .......... और हमें 12.15 बजे हैप्पी बर्थडे का आवाज सुनाई पड़ा :)
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इन सबके साथ एक और बात ख्याल में आया, वो अहम् है ...... :)
मान लो मेरा जन्म नहीं हुआ होता तो, तो क्या हो जाता ......... ऐसा कुछ भी तो नहीं किया अब तक मैंने की मेरे जाने के बाद कोई भी मुझे एक पल को भी याद रखे ....... !!

बस ऐसे ही जिए जा रहें, एक और वर्ष जुड़ गया ........ :)

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