कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Tuesday, January 19, 2016

गूँज के बैनर तले पुस्तक मेले में कवि गोष्ठी



कल का दिन था हम नवोदितों का दिन
हम टूटी फूटी कविता लिखने वालों के लिए एक अहम् दिन

बस एक बात कह सकते हैं जो सबसे बेहतरीन रही - "गूँज" के नए-पुराने कवियों (कवि न कहो तो भी चलेगा) को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे,  सारी कुर्सियां ही नहीं भरी थी,  दूर तक लोग खड़े रहकर अंत तक रुके रहे !!

हर प्रतिभागी खुश था,  क्योंकि उनके लिए विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच पर शिरकत करना सपने सा है,  तो इस वजह से चारों और सिर्फ खुशियाँ थी !

कैसी भी कवितायेँ रही हो, तालियों की गडगडाहट बता रही थी,  हमारा दिन आने वाला है !! रद्दी सञ्चालन के बावजूद सभी अपने सराह रहे थे !! और यही सबसे बड़ी वजह थी की हम कह सकते हैं हमारे 'गूँज'  का कार्यक्रम सफल रहा !!

कार्यक्रम की शुरुआत एक झटके से भरी रही,  Laxmi Shankar Bajpai​ सर अपने अकस्मात निजी कारणों के वजह से आकर चले गए !! पर, Lalitya Lalit​ भैया का सहयोग जाने माने वरिष्ठ व्यंग्यकार और अट्टहास के संपादक Anup Srivastava​,  वरिष्ठ गीतकार और कवियत्री रमा सिंह और कैलिफोर्निया से पधारी हमारी प्रिय Manju Mishra​ दी ने मंच को अपने उपस्थिति से चमकाया !!

तत्पश्चात, लखनऊ से आये Nivedita Srivastava​ (दी) और Amit Kumar Srivastava​ की Shailesh Bharatwasi​ के हिन्दयुग्म से प्रकाशित संयुक्त कविता संग्रह "कुछ खवाब, कुछ खवाइशें" का लोकार्पण हुआ !! और उन दोनों ने अपनी कवितायेँ सुनाई !!

फिर उसके बाद तो सबने अपने कविताओं से समाँ बाँध दिया !!

कैलिफोर्निया से मंजू मिश्रा,  लखनऊ से आई Abha Khare,  मध्य प्रदेश के वारासिवनी से Priti Surana​, अहमदाबाद से प्रीति 'अज्ञात'​, मुजफ्फरपुर से Abhijeet​, हाजीपुर से Amit Ambashtha​, मूलतः मैथली में लिखने वाले पति-पत्नी द्वय जो हैदराबाद से पहुंचे थे Manoj Shandilya​ व Sharda Jha​, कानपुर से आई Abha Dwivedi​, गुडगाँव से Anshu Tripathi​, दिल्ली से Abha Chaudhery​, Neelima Sharrma​, Pawan Arora​, Tej Pratap​, Bharti Singh​, धीरज मिश्र और दो-तीन लोगो ने अपनी दो-तीन कवितायेँ सुनायी | चूँकि सबकी कवितायेँ अलग अलग तेवर और रंग थी, इसलिए पूरा प्रोग्राम कभी भी बोरियत भरा नहीं लगा, ऐसा लोगो का मानना है !

मित्र  Anju Choudhary​ अपने  निजी  व्यस्तता से, पटना से Kumar Rajat ऑफिस से छुट्टी न मिल पाने के वजह से, ऋषिकेश से Maneesh Kothari​ दुर्घटना में घायल हो जाने के वजह , नीलू पटनी अपने बिमारी के वजह से,   मित्र Aparna Anekvarna​ अपने निजी कारणों से व भिलाई से पुस्तक मेले  में आ चुकी Abha Dubey​ भी किसी खास वजह से मंच तक नहीं पहुँच पाए,  हमें इसका मलाल रहेगा !!

एक बात  और  नहीं  भुला  जा  सकता  कि मेरी  पत्नी Anju Sahai हर  समय  एक्टिवली साथ रही  ! :)
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तो शुक्रिया सभी अभिन्न मित्रों का जो आये,  जो नहीं आ पाए,  जिन्होंने शुभकामनायें दी,  जिन्होंने पीछे से कसीदे पढ़े, जिन्होंने खूब मजाक बनाया  !!

उम्मीद रखेंगे, हमारा कारवां बढेगा,  हम रचेंगे, हम सार्थक रचेंगे और साथ मिल कर आगे बढ़ेंगे !! :) :)


6 comments:

  1. ढ़ेरों आशीष .... हमेशा आगे बढ़ते रहो ..... कामयाबी के शिखर पर पहुँचो
    अशेष शुभकामनायें

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  2. धन्यवाद मुकेश सिन्हा जी . आपकी वज़ह से हमें भी गूँज का एक हिस्सा बन'ने का मौका मिला ,कुछ नए दोस्तों से मिले तहे दिल से आभारी हैं .गूँज की गूँज हर तरफ सुनाई डे ऐसी शुभकामनाये

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  3. गूँज की गूँज लगता है दूर तक सुनाई दी ... बहुत बहुत बधाई ...

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