कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Thursday, September 3, 2015

वसुंधरा पाण्डेय के शब्दों में हमिंग बर्ड




इधर पांच महीनो में बहुत सी किताबें अनगिन पत्र पत्रिकाएं इकट्ठी हैं / कुछ पारिवारिक समस्याओं की वजह से पढ़ नही सकी / अभी कल से शुरुआत की तो मन हुआ कि हमिंग बर्ड से शुरुआत करूँ.. ..

Mukesh Kumar Sinha का कविता संग्रह 'हमिंग बर्ड' जिसमे मन की छटपटाहट/मनुष्य मन के संघर्ष/ और मानवीय एहसास से लबरेज है ! और इसमें समाहित है संजीदगी / चुहल/ प्रेम और निष्ठा से भरा पूरा एक संसार !
इस पुस्तक को पढ़ना सुखद है ..क्यूंकि मेरे मन मस्तिक पर घोसला बना लिया हमिंग बर्ड ने ... 

मुकेश जी का साहित्य संसार विस्तृत हो.अनेकानेक शुभकामनाये..! 



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