कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Thursday, March 5, 2015

लप्रेक 1 व 2

लप्रेक - 1smile emoticon
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मेट्रो स्टेशन, तेज धडधडाती मेट्रो आकर रुकी, चुईईईइ 
पूरा स्टेशन खाली 
बस एक बंदा बाहर, किसी और के इंतज़ार में 
दरवाजा खुला, एक दूसरी बंदी ने निहारा
नजरे मिली
कुछ अन्दर तक चमका .......
मेट्रो का दरवाजा बंद हो गया .........
कुछ हिचकी सी हुई .......
दोनों अपने अपने दिल को थामे आगे बढ़ गए
दुनिया बहुत बडी है न.........


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लप्रेक - 2
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शाम में जब अधिकतर लोग ऑफिस से जा चुके थे तभी
एक गन्दी साइट्स पर दिखा था 
तुम्हारा चेहरा
जिस्म भी
ऐसे ही ऊँगली माउस पर फिरने लगी
जैसे पकड़ा हो तुम्हारा हाथ
क्षणिक प्यार ऐसा ही होता होगा
सच्चे वाला प्यार न !!
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दुसरे दिन फिर तुम क्यूँ नही मिले ??

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