शब्द मात्र व्याकरणिक ज्ञान ही नहीं, भाव भी हैं, और भाव तभी जीवंत होते है जब वो समझ में आते हैं, और समझ में तभी आते है जब वो सरल होते है ...
मुकेश जी का काव्यसंग्रह ' हमिंग बर्ड ' 70 सहज कविताओं का संकलन है ..अलग - अलग विषय पर, अलग अलग परिद्रश्य में , अलग अलग भाव लेकर लिखी गई कवितायेँ ...पर एक बात है जो आपस में सबको बांधती है ..वह है मुकेश जी की रचनाओं की सरलता ....
मुकेश जी का काव्यसंग्रह ' हमिंग बर्ड ' 70 सहज कविताओं का संकलन है ..अलग - अलग विषय पर, अलग अलग परिद्रश्य में , अलग अलग भाव लेकर लिखी गई कवितायेँ ...पर एक बात है जो आपस में सबको बांधती है ..वह है मुकेश जी की रचनाओं की सरलता ....
हमिंग बर्ड की सरलता ही उसकी सार्थकता है ...
बधाई !!
ReplyDelete