कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Monday, October 13, 2014

टेलीफोन के रिसीवर और सेट के बीच के तार सी जिंदगी .......... उलझी हुई :)
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साला जब भी जिंदगी को फ़ोन मिलाओ, रिसीवर उलझ कर रह जाता है, ........
सुन रही हो जिंदगी :)



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मेरी एक सामान्य सी सोच ऐसे ही बनी है .....
अगर मर जाओ तो लोग कुछ दिन तो बहुत याद करते हैं न :)
बेशक वो व्यक्ति कैसा भी हो ......... लोग भरे आँखों और लरजते आंसुओं के साथ कहेंगे, ऐसा हीरा व्यक्ति शानदार व्यक्तित्व का स्वामी अब नहीं दिखेगा :)
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काश फेसबुक के प्रोफाइल डी-एक्टिवेशन के तरह कुछ दिनों के लिए मरने का आप्शन होता ....... :)
पर साला मरने के बाद तो आने का आप्शन ही नहीं .......यहीं तो झोल है :)

फिर भी बिना किसी कष्ट का मरने का मन तो करता है :)

हमिंग बर्ड ......... ले चल रे :) :D

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